मेरा चोदू परिवार

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aries
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मेरा चोदू परिवार

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मेरा नाम निधि है और यह कहानी मेरे ससुराल की है। मेरी शादी को अब 6 महीने हो गए हैं। मेरे परिवार में मेरे सास, ससुर, देवर और उसकी पत्नी, और मेरी ननद और उसका पति शामिल हैं। मेरी ननद और उसका पति हमसे ही साथ रहना पसंद करते हैं, और इसका कारण आपको जल्द ही समझ में आ जाएगा।

इस कहानी की शुरुआत मैं अपनी शादी की पहली रात से करती हूं। शादी के बाद बड़ी धूमधाम से मेरी डोली मेरे नए घर आई। मैं अपने कमरे में बैठकर अपने पति राज का इंतजार कर रही थी। राज एक बहुत ही आकर्षक और सुंदर युवक हैं। उनका कद लगभग 6 फीट है और शरीर मजबूत है। रंग गोरा है और बाल घुंघराले हैं। मुझे तो पहली बार में ही राज से प्यार हो गया था।

मैंने लाल रंग की लहंगा चोली पहनी हुई थी और बेद पर बैठ राज का इंतज़ार कर रही थी। तभी दरवाज़ा हलके से खुला और राज शादी की शेरवानी में अन्दर आ गया।

- हेल्लो निधि, कैसी हो...

- हेल्लो राज। ठीक हूँ। नई नई शादी शुदा दुल्हन हूँ तो शर्मा कर बैठी हूँ।

- हा हा हा... वोह में भी देख रहा हूँ।

- राज... सुहागरात पर क्या होता है। मैंने कभी सुहागरात नहीं मनाई।

- अच्छा जी, तो जो हम अब तक कर रहे थे वोह क्या था।

- वोह तो हम वैसे ही चुदाई कर के देख रहे थे के हम कैसे है। वैसे राज तेरा लॅंड बड़ा ही मस्त है। तुझसे चुदने के बाद ही मैंने फ़ैसला किया के तुझसे शादी करुँगी।

- तू भी बहुत मस्त बंदी है निधि। तेरी जैसी चुद्दकद लड़की मैंने कभी नहीं चोदी।

- और अब तो हम शादी शुदा मियां बीवी है। कोई रोक टोक नहीं हमारी चुदाई में।

अब राज मेरे बगल में ही बैठा था। उसने अपनी शेरवानी उतर दी थी और उसका मज़बूत शरीर मेरे सामने था। मेरे पास बैठ कर उसने मुझे बाँहों में भर लिए और मेरा मुह चूम लिया। धीरे से उसने अपनी जीभ मेरे मुह के अन्दर डाल दी और चारो तरफ़ फिराने लगा। उसके हाथ मेरे बूब्स को चोली के ऊपर से ही सहला रहे थे। मेरा हाथ भी राज की छाती से होता हुआ उसके पजामे के ऊपर आ गया और उसके लंड को में सहलाने लगी। राज का लंड एकदम तन्नाया हुआ खड़ा था। मैंने उसके पजामे का नाडा खोल दिया और राज ने अपनी गांड ऊपर उठाई तो मैंने पजामा निचे सरका दिया। राज भी अब तक मेरी चोली उतार चुका था और ब्रा के हुक खोल दिए थे। मैंने भी अब उसका अंडरवियर उतार कर लंड अपने हाथ में लेकर मसलने लगी। और राज मेरी ब्रा उतारने के बाद मेरे बूब्स को सहलाने लगा।

- हाई राज... क्या मस्त लंड खड़ा है तेरा। क्या मैंने इसे खड़ा किया है।

- और क्या मेरी रानी, तेरी जवानी देख कर ही तो यह खड़ा हो गया है। तेरे बूब्स का तो मैं दीवाना हूँ निधि। क्या मस्त बड़े मदे और रसीले बूब्स है तेरे। ला पहले इनको चूसने दे।

और राज एक हाथ से मेरे बूब्स सहलाने लगा और अपना मुह से मेरे निप्प्लेस चूसने लगा। दूसरा हाथ से उसने मेरी सलवार खोल कर उतार दी और मेरी चूत को पैंटी के ऊपर से सहलाने लगा। मेरी चूत बुरी तरह गीली हो चुकी थी। राज का हाथ धीरे से मेरी पैंटी के अंदर गया और मेरी चूत में ऊँगली करने लगा। मैं अभी भी उसके लौडे को सहला रही थी। राज ने मेरी पैंटी निचे खिसका दी और उसका हाथ अब मेरी चूत को तेजी से सहला रहा था। मैं और राज अब दोनों ही पूरी तरह नंगे थे। राज का ७ इंच का लौदा मेर हाथ में उचल रहा था और मेरा मन उसको मुह में लेने का हो रहा था।

- राज मुझे तेरा लौदा चुसना है। इतना बड़ा लौदा लेकर मेरा मुह मस्त हो जाएगा।

- तो ले न रानी, तुझे कब मन है। यह अब तेरा ही तो लौदा है। रुक मैं तेरी चूत चुसुंगा और तू मेरा लौदा चूस। हम दोनों ६९ पोसिशन में आ जातें हैं।

और राज उल्टा होकर मेरी चूत चाटने लगा और अपना लौदा मेरे मुह में दे दिया। उसका गुलाबी लंड मेरे मुह के अन्दर बहार होने लगा। राज अपनी जीभ से मेरी चूत चाटने लगा। अपनी उँगलियों से उसने मेरी चूत का दरवाज़ा खोला और अपनी पुरी जीभ मेरी गीली चूत के अन्दर दाल कर चूसने लगा। मैं भी राज का पुरा लौदा अपने मुह में डाल कर चूस रही थी। बीच बीच में लंड को निकाल मैं उसके तत्ते चाटने लगती। राज ने अपने लंड से बाल एकदम साफ़ किए हुए थे। और मेरी भी चूत एकदम चिकनी थी जिस पर एक भी बाल नहीं था।

- हईई राज चोद मेरी चूत अपने जीभ से। देख कितनी गीली है।

- हाँ निधि पहले इसको जीभ से चोदुंगा और फिर अपने मोटे लंड से।

राज के लंड से उसके वीर्य भी टपकने लगा था जिसको मैंने चाट लिया।

- राज तेरा वीर्य बड़ा स्वादिष्ट है। तुने पहले कभी नहीं चखाया।

- अब जितना चाहेगी उतना मिलेगा निधि। चिंता मत कर

अब राज ने मुझे बिस्तर पर लेटाया और अपना लंड मेरी चूत के दरवाज़े पर रख दिया और एक ही झटके में पुरा का पुरा अन्दर डाल दिया।

- हाआआआआईईईईईईईइ मजा आ गया राज। ज़ोर से चोद मुझे। अपनी रंडी बीवी को चोद ज़ोर ज़ोर से।

- आआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह निधि तेरी चूत अभी भी टाइट है रानीमेरा लंड भी मस्त हो गया तेरी चूत पाकर।

अब राज ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा। मेरी चूत अब जम कर पानी छोड़ रही थी। राज के भी धक्के अब तेज़ होते जा रहे थे।

- आआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह निधि मेरा छुटने वाला है।

- राज अपनावीर्य मेरे मुह पर छोड़। मुझे तेरे वीर्य में नहाना है। और तेरा वीर्य पीना है। बहुत स्वादिष्ट है तेरा वीर्य।

राज ने अपने धक्के और तेज़ कर दिए और एक झटके में अपना लंड निकाल मेरे मुह की तरह कर दिया। मैंने राज का लंड अपने मुह में ले लिया और अपने पानी से भरा लंड चूसने लगी। और जैसे ही लगा के वोह अब छुटने वाला है, उसका लंड हाथ में लेकर मुठ मारने लगी। २ ही सेकंड में राज के लंड ने पानी की पिचकारी मेरे मुह पर डालनी सुरु कर दी। और मेरा पुरा मुह उसके वीर्य से भर गया। मैंने अपने हाथ से उसको पहले अपने चेहरे पर फैला दिया और फ़िर ऊँगली से अपने मुह के अन्दर डालने लगी

- मजा आ गया निधि ऐसी चुदाई के बाद। तू मस्त रंडी है रानी।

- मैं भी मस्त हो गई तेरा लंड पाकर राज। मेरी चूत न कभी भी इतना पानी नहीं छोड़ा

राज मेरी बगल में आकर लेट गया और मेरा मुह चूमने लगा जिसपर अभी भी उसका वीर्य लगा था। और हलके से मेरे बूब्स सहलाने लगा। मैंने उसका मुरझाया लंड अपने हाथ में सहलाने लगी।

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अभी हम लेटे ही थे के हमारा दरवाज़ा खुला। और मेरा देवर नीरज अपनी बीवी मनीषा के साथ अन्दर आ गया।

- वूऊऊव्व्व्व तो सुहागरात मनाई गई है .... नीरज बोला जो अपनी बीवी के साथ एकदम ही नंगा था।

नीरज का लंड मुरझाया हुआ था अभी पर फिर भी राज के लंड के जैसे ही लंबा और मोटा लग रहा था। मनीषा के बूब्स बड़े बड़े और गोल गोल थे और सबसे प्यारे उसके गुलाबी निप्पल थे जो एकदम खड़े थे।

राज मुझे अपने परिवार के बारे में पहले ही बता चुका था के यहाँ सब खुला है और इसलिए मुझे हैरानी नहीं हुई। हम आराम से वैसे ही लेटे रहे, अभी भी राज मेरे बूब्स सहला रहा था और उसका लंड मेरे हाथ में था।

- आओ नीरज भैय्या, आपके बिना सुहागरात कैसे पुरी हो सकती है। आओ मनीषा तुम भी। वो नीरज भैय्या, मैं आपको पहली बार नंगा देख रही हूँ और आप भी अपने भाई से कम नहीं हो। और मनीषा की जवानी भी मस्त लग रही है।

- भाभी मनीषा भी आपके साथ सुहागरात का मजा लेना चाहती थी तो हम यहीं चले आए... नीरज बोला।

- अरे आ न नीरज, हमें भी और मजा आएगा। मैं अभी ही तेरी भाभी को चोद कर हटा हूँ।

नीरज मेरे बगल में आकर लेट गया और मेरा मुह चूमने लगा। मनीषा राज की टांगो के बिच बैठ गई और उसका लंड अपने मुह में ले लिया और चूसने लगी।

- भाभी, राज ने अपना वीर्य तेरे मुह पर डाला था। अभी तक उसके वीर्य का स्वाद है तेरे चेहरे पर... नीरज बोला

- हाँ भैय्या, मुझे राज का वीर्य अपने चेहरे पर बहुत अच्छा लगता है। तू भी अपना वीर्य मेरे ऊपर ही डालना।

- हाँ भाभी, मुझे भी वीर्य अपने ऊपर पसंद आता है... मनीषा बोली और राज का लंड फ़िर चूसने लगी।

- देखा भाभी मनीषा बिल्कुल भी वक्त ख़राब नहीं करती। आते ही अपने काम पे लग गई है.... नीरज बोला

मनीषा अपना सर अब ज़ोर से ऊपर नीचे कर राज का लंड चूस रही थी। राज का लंड फ़िर खड़ा हो चुका था और वोह मनीषा के बूब्स ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था। मैं भी नीरज का लंड हाथ में लेकर उसको ऊपर निचे करने लगी।

- नीरज अपने लंड मेरे मुह में डाल न। मुझे तेरा लंड चुसना है। देखूं तो तेरे लंड का कैसा स्वाद है।

नीरज उठ कर मेरे बूब्स पर बैठ गया और अपना लंड मेरे मुह में डाल दिया। मैं भी अपना सर आगे पीछे कर उसके लंड को चूसने लगी।

- और राज कैसी लगी हमारी भाभी तुझे। मनीषा से ज़्यादा चुड़क्कड़ है या कम... नीरज ने राज से पूछा

- नीरज तुझे अभी पता चल जाएगा यार... निधि मनीषा से कम नहीं है.... राज ने जवाब दिया

- हाँ और निधि के बूब्स भी बहुत प्यारे है। मैं तो इनको भी चोदुंगा... नीरज बोला

- जो चाहे कर यार... तेरी भाभी मस्त रांड है... इसको चुदाई दिन रात पसंद है... जैसे चाहे वैसे चोद इस रंडी को।

- राज भैय्या क्या मैं कम रंडी हूँ... मनीषा बोली... क्या मैंने आपको कभी कमी आने दी है... मेरी चूत तो हमेशा सबके लिए तैयार रहती है... अभी अभी जीजू ने भी चोदा है और अब वोह दीदी को चोद रहे है...

- अरे नहीं मनीषा रानी... तू भी मेरी प्यारी रांड है... बस बिधि अभी नई नई है.... राज बोला

- मैं मजाक कर रही थी राज ... और आप सीरियस हो गए...

मनीषा ने राज का लंड से मुह उठा कर मेरी चूत में अपनी जीभ डाल दी...

- वाह निधि बहुत गीली चूत है तेरी... अभी तक राज का पानी भरा है इसमे... मजा आगया

मैंने नीरज का लंड मुह से निकाल राज को बोला....

- राज तू अब अपना लंड मेरे मुह में डाल और नीरज तू मेरी चूत चोद मैं भी तो देखूं मेरे देवर का लंड कैसा है। और मनीषा तू इधर आ मेरे पास और मुझे तेरे बूब्स से खेलना है। वह रानी क्या बूब्स हैं तेरे रांड। तभी तुने सबको दीवाना बना रखा है।

- नहीं भाभी सिर्फ़ बूब्स ही नहीं मेरे तो सारे छेदों ने पुरे घर को दीवाना बना दिया है। तू देखना यहाँ सब कैसे सबका ख्याल रखते हैं। तेरी चूत कभी भी खली नहीं रहेगी.... मनीषा बोली।
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दरवाज़े पर घंटी बजते ही मैंने दरवाज़ा खोला। भैय्या आए थे....
"अरे भैय्या आप... कैसे है... आइये॥"
भैय्या ने ज़ोर से मुझे बाँहों के बीच जकडा और मेरे होठों को चूम लिया और मेरे बूब्स को दबाने लगे।
"ऋतू तेरे बूब्स हमेशा की तरह अभी भी मस्त टाइट है"
"मेरे बूब्स माँ पर गए है ना... उनके भी तो अभी तक टाइट है"
"हाँ, माँ अभी तक मस्त है और उनके जैसे बूब्स कम ही देखने को मिलते है"

बात करते करते हम सोफे पर बैठ गए। मैंने बैठते ही भइया की पंट खोल दी और उनका लौड़ा बहार निकाल दिया और उसको सहलाने लगी। भैये मेरे बूब्स ब्रा से बाहर निकल चुके थे और अब मेरे निप्पल चूस रहे थे। उनका लौड़ा एकदम सख्त था और पुरा 8" खड़ा था। मैंने धीमे से अपने बूब्स उनसे छुडाये और उनका लुंड चूसने लगी। पहले उनके लाल मोटे सुपदे को चूसा और फ़िर पुरा लौड़ा अपने मुह में लेकर चूसने लगी। मेरे हाथ उनके बाल्स को सहला रहे थे और भैय्या मेरे बूब्स को मसल रहे थे।

तभी मेरे पति राज भी आ गए। वोह भैय्या के पास सोफे पर ही बैठ गए।
" हे मनोज तू कब आया"
भैय्या ने अपना हाथ मेरे बूब्स से हटा कर राज से हाथ मिलाया। "बस अभी ही आया हूँ जीजू। आप बताईये कैसा चल रहा है"
"बढ़िया मनोज॥ सब ठीक है। तू बता घर पर सब कैसे है"

मैं अभी भी भैय्या का लौड़ा और बाल्स चूस रही थी और भइया ने राज से हाथ मिलाने के बाद फ़िर अपना हाथ मेरे बूब्स पर रख दिया और दोनों बूब्स फ़िर से मसलने लगे।
"सब ठीक है जीजू। माँ बापू और मनीषा सब मजे मैं है"

मनीषा नीरज की बीवी है। नीरज मुझसे उम्र में २ साल छोटा है। मेरी उम्र अब 30 की है और नीरज 28 साल का और उसकी बीवी मनीषा २७ साल की।
"हाँ मनोज सबसे मिले काफ़ी दिन हो गए, जल्दी आयूंगा सबसे मिलने"
" हाँ जीजू सब आपको याद भी बहुत करते है। एक दिन सब प्रोग्राम बना कर आईये ना"

मैं अब भैय्या का लौड़ा छोड़ कर उठी। वोह अभी तक सख्त था और उसने पानी भी नहीं छोड़ा था। मैं राज और मनोज के बिच बैठ गई। बूब्स मेरे अभी तक बाहर झूल रहे थे। पास बैठते ही भैय्या ने मेरी स्कर्ट ऊपर उठा दी और मेरी चूत पर अपना हाथ फेरने लगे। राज ने भी मेरे बूब्स सहलाने शुरू कर दिए।

"निधि तुने मनोज का लौड़ा ऐसे ही छोड़ दिया। उसका पानी नहीं निकाला अब मनोज को तकलीफ होगी। कैसी बहिन है तू"
"राज मैंने जान बुझ कर लौड़ा बिना पानी निकाले छोड़ दिया ... तू तो जानता है रजनी को ... उसको भैय्या का लौड़ा बहुत पसंद है। अभी वोह आती ही होगी"
"ओक्क्क पर रजनी है कहाँ ... दिखी नहीं सुबह से" ... राज बोला
"वोह अभी कमरे में ही थी... अभी वोह अपनी झांटे साफ़ कर हठी थी। मैं अभी उसकी चूत चाट कर आई ही थी के भइया आ गए"
राज ने मनोज का लंड देखा और बोला... "साले साहब थोड़ा और इंतज़ार करिए अपने लौडे की पुरी प्यास बुझाने में।

रजनी मेरी बड़ी ननद है जिसकी उम्र 35 साल की है। बदन काफ़ी भरा है और बूब्स मेरे जैसे बड़े बड़े और गोल गोल है। उसके निप्प्ल्स मेरे से भी बड़े है और जब खड़े होते है तो देखने का मजा आ जाता है। राज तो उसके निप्प्ल्स ही चूसता रहता है... कहता है ऐसे निप्प्ल्स नसीब वालों को मिलते है। और सच भी है। रजनी जैसी सुंदर लड़की बहुत ही कम होती है.

मेरी छोटी ननद का नाम पायल है और उसकी उम्र 22 साल है। वोह भी एकदम मस्त है। उसके बूब्स अभी भर रहे है पर जैसे हमारे परिवार में सबके बड़े बूब्स है उसके भी अभी से काफ़ी बड़े हो गए है।


"जीजू, दीदी के बूब्स अभी तक पहले जैसे ही मस्त है। जब भी इनको चूस्ता हूँ तो मेरा मस्त खड़ा होता है। रजनी पहले मेरा लौदा चूस ले फ़िर मैं दीदी के बूब्स की चुदाई करूँगा। बहुत टाइम हो गया निधि के बूब्स की चुदाई किए हुए। कल पापा जब मनीषा के बूब्स चोद रहे थे तो दीदी की याद आ गयी. तभी मैं आज चला आया"
"मनोज, निधि के बूब्स भी मम्मी पर गए है. क्या उनके अभी तक ६० साल की उम्र में मस्त नहीं है. तने भी तो काफी चुदाई की है मम्मी की, तू तो जानता ही है"
"हाँ जीजू, मम्मी को तो अब भी चोदने में उतना ही मजा आता है जितना पहले आता था"

इतने में रजनी आ गयी कमरे में. उसने टी-शर्ट और स्कर्ट पहनी थी. साफ़ दिख रहा था निचे ब्रा नहीं है और पक्का था के पैंटी भी नहीं पहनी होगी. मनोज को देखते ही वोह एकदम चेहेक उठी.
"भैया, आप कब आए... और मुझे किसी ने बताया ही नहीं" और रजनी मनोज से लिपट गयी और उसके होठों को चूसने लगी. और बिना इंतज़ार किये मनोज का खडा लंड हाथों से सहलाने लगी. और एकदम से सरक कर निचे आ गयी और मनोज का लंड अपने मुह में भर लिया और भूकी कुतिया की तरह उसको चूसने लगी. उसको देख हमारी एकदम हंसी छुट गयी. मनोज ने भी उसकी टी-शर्ट उतार दी और उसके बूब्स अपने हाथों में भर लिए और प्यार से सहलाने लगा. रजनी भी जोर जोर से मनोज का लौड़ा चूस रही थी. राज अब अपना हाथ मेरी चुत पर ले गया और अपनी ऊँगली मेरी चुत के अन्दर बाहर करने लगा. मैंने भी राज का पजामा खोल निचे कर दिया और उसका काला मोटा लौड़ा बाहर निकाल लिया और हाथ में लेकर उसकी धीरे से मुठ मारने लगी. रजनी ने मनोज की पंट अब पूरी ऊपर से खोल के निचे सरका दी. मनोज ने भी अपनी गांड उठा उसको आसानी से उतर जाने दिया. अब मनोज पूरा निचे से नंगा था और रजनी का सर उसकी जांघो के बीच उसके लंड को चूस रहा था. मनोज ने अपने आप ही अपनी शर्ट भी उतार दी और एकदम नंगा हो गया. वही रजनी ने मनोज का लंड चूसते चूसते अपनी स्कर्ट निचे सरका दी और वोह भी पूरी नंगी हो गयी. राज भी रजनी को देख और ज्यादा गरम हो गया और मुझको सोफे से निचे उतार मेरे मुह में अपना घोडे जैसा लौड़ा अन्दर दे दिया. राज का लौड़ा चुसते हुए मुझे इतने साल हो गए थे पर अब भी मुझको पूरा मजा देता था. राज ने मेरे बाल पकड़ कर आगे पीछे मेरा सर करते हुए मेरा मुह चोदने लग गया.

"जिजु जोर से चोदो दीदी का मुह. आपका लौड़ा दीदी के मुह में देख कर मजा आ जाता है. दीदी जैसे लोलीपोप की तरह चुस्ती है वैसे ही रजनी भी परफेक्ट हो गयी है."
"मनोज रजनी की तो चुत भी अभी टाइट है. मुझे रजनी का मुह और चुत दोनों चोदने में मजा आता है. और निधि तो मस्त रांड है. जब चाहो इसको तुम चोद सकते हो. हमेशा गीली रहती है."
अब वो दोनो हम दोनों ननद भाभी का मुह चोद रहे थे और जोर जोर से धक्के मार रहे हे. इतने में मनोज का पानी निकलने को तैयार हो गया और वोह और जोर से धक्के मारने लगा. और २मिनत बाद ही उसने अपना पानी रजनी के मुह के अन्दर डालना शुरू कर दिया.
"आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह रजनी मै झाडा. ले मेरा पानी अपने मुह में मेरी रांड. पी ले आशिक का रस."
रजनी मनोज के लंड का पानी पीने लगी और फिर मुह से निकाल अपने चेहरे पर मनोज के रस की धार ली. मनोज का लंड भी उछाल उछाल कर रस निकाल रहा था. रजनी का चेहरा पूरा मनोज के रस से भर गया और मुह से भी टपक रहा था. पूरा रस ख़तम होने के बाद रजनी ने मनोज का लौड़ा अच्छे से चूसा और साफ़ कर दिया. मैं एक तरफ राज का लौड़ा चूस रही थी और दूसरी तरफ रजनी को तृप्त होते हुए देख रही थी. लौड़ा साफ़ करने के बाद रजनी ने अपनी जीभ मनोज के मुह में डाल उसको चूमने लगी. और मनोज भी जम के उसके वीर्य से भरे मुह को चूम रहा था. फिर रजनी मनोज के ही पास बैठ गयी और मुझे राज का लौड़ा चूसते देखने लगी. राज ने अपना हाथ बढ़ा कर रजनी के बूब्स मसल दिए और उसकी चुत में ऊँगली करने लगा. रजनी ने अपने भाई राज की ऊँगली चुत से निकाली और अपने मुह के अन्दर लेली और उसको चूसने लगी. रजनी बुरी तरह से गीली थी और मैं जानती थी के उसको मोटे लंड की ज़रुरत है अब. मैंने अपना सर राज की जांघो से निकाला और वही राज के ही पास बैठ गयी.

"तू रजनी किसी को एक मिनिट भी आराम नहीं करने देती. अभी तो आए ही थे और तूने उनको झाड़ दिया."
"अब इनका का लौड़ा ही इतना प्यारा है के रहा ही नहीं जाता. मेरा तो मन करता है हर वक़्त इसको चुस्ती राहु. देखो अब कैसा मज़े से लेता है झड़ने के बाद. "
"तेरी भी चुत पूरी तरह से गीली है. चल तू मेरे लॉड पर बैठ और चोद ले अपनी चुत, बुझा ले इसकी प्यास" राज बोला
"भैया आपका लौड़ा भाभी ने मस्त खडा कर दिया है चूस चूस कर लाओ अब मै इसकी सेवा करती हूँ."
और रजनी राज के लौडे पर बैठ गयी और उसका लौड़ा अपनी चुत के अन्दर डाल लिया और उछल उछल कर चुदाई करने लगी. मैं मनोज के पास बैठ गयी और उसका मुरझाया हुआ लौड़ा सहलाने लगी. मनोज ने अपना मुह मेरे बूब्स में डाल उनको चूसने लगा. राज अब जोर जोर से अपनी बहन रजनी की चुत में धक्का मार रहा था.
"हाँ भैया और जोर से. चोदो मुझे .... फाड़ दो मेरी चुत. चोदो अपनी रांड बहन को... चोदो भैया ... चोदो... आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह"
अब राज ने रजनी को सोफे पर लिटा लिया और जोर जोर से उसको चोदने लगा. थोडी ही देर में रजनी झड़ने को तैयार थी और राज से उछल उछल कर चुदने लगी.

" मैं झड़ी भैया...... आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह..... और रजनी की चुत ने पानी छोड़ दिया. मनोज लपक कर रजनी की चुत पर गया और राज के लंड से भरी हुई रजनी की चुत चाटने लगा. ऐसे में मनोज राज का लंड भी चाट रहा था और रजनी की चुत का पानी भी पी रहा था. राज भी धक्के मारता हुआ अब झड़ने को तैयार था. उसने अपना लौड़ा रजनी की चुत से बाहर निकाला और उसके मुह में डाल दिया.
"ले मेरी रांड बेटी चूस अपने भाई के लंड को और निकाल इसका पानी. ले कुतिया चूस ... और राज ने अपना पूरा लौड़ा रजनी की चुत में पेल दिया. मनोज अभी भी रजनी की चुत का पानी चाट रहा था. इतने में राज ने भी अपना पानी छोड़ दिया और लंड बहार निकाल उसका पूरा चेहरा अपने वीर्य से भर दिया. राज का वीर्य गाडा और बहुत सारा निकलता था. रजनी का पूरा चेहरा राज के वीर्य से भर गया. मैंने मनोज को देखा और वो अभी भी रजनी की चुत में मस्त था. राज पूरा पानी रजनी के चेहरे पर छोड़ने के बाद अपना लंड फिर उसके मुह में डाल दिया और रजनी ने उसको चाट कर साफ़ कर दिया.
अब राज रजनी के पास ही सोफे पर बैठ गया. मैं उठी और रजनी के चेहरे से राज के गाडे वीर्य को चाट कर साफ़ करने लगी. रजनी ने मेरे बूब्स अपने हाथों में भर लिए और जोर जोर से उनको दबाने लगी. मैंने उसका पूरा मुह साफ़ किया और वही सोफे पर बैठ गयी.
राज और मनोज अब पूरी तरह से तृप्त नज़र आ रहे थे रजनी को चोदने के बाद. दोनों के लंड अब मुरझा गए थे. मनोज भी रजनी का पानी पीकर और मस्त हो गया था.
"वाह रजनी तेरी चुत का पानी क्या स्वादिष्ट है. मुझे हमेशा पसंद आता है"
"भाई आपके लिए तो यह चुत हमेशा तैयार है... जब चाहो चोदो और इसका पानी पियो"

हम चारो बैठे ही थे के पायल भी वहां आ गयी.......

मैं और रजनी मनोज और राज के बीच में बैठे हुए थे जब पायल कमरे में आई. मैं मनोज के करीब थी और उसका ढीला लंड सहला रही थी. मनोज अपनी उँगलियाँ मेरी चुत के अन्दर डाल अन्दर बाहर कर रहा था. मैंने दुसरे हाथ से रजनी की चुत के अन्दर ऊँगली डाल रखी थी. रजनी ने अपने पापा का लौड़ा हाथ में लिया हुआ था जो रजनी के मुह में झड़ने के बाद थोडा शांत था. राज हलके से अपनी बहन रजनी के बूब्स दबा रहा था और उसके निप्पल्स को उँगलियों के बीच मसल रहा था. रजनी बीच बीच में कराह जाती थी जब राज जोर से उसके निप्पल्स खींच देता था.

चारों मदर्जात नंगे थे. पायल अभी स्कूल से ही आई थी और मनोज को देखते ही वोह भी उछल पड़ी.

"भाई, आप कब आये. मुझे मालूम ही नहीं था के आप भी आ रहे है" और पायल मनोज से चिपक गयी और उसके होठों को अपने होठों में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी. मनोज ने भी उसको अपनी बाहों में जकड लिया और उसके होठ चूसने लगा. २ मिनट के बाद जब पायल ने उसको छोड़ा तो उसने गहरी सांस ली.

"कैसे हो भाई, बहुत दिनों के बाद आये. और आने के बाद मेरा इन्तेज़ार भी नहीं किया. दोनों रंडियों के साथ लग गए. और भैया आपने भी मेरा इन्तेज़ार नहीं कराया भाई को. मेरे आने से पहले ही आप दोनों के लौडे इन रांडों ने चोद कर मुरझा दिए. अब मैं कैसे अपने प्यारे भाई के मोटे लंड का मजा लुंगी. " कहते हुए पायल ने अपना मुह लटका लिया.

"तू क्यों चिंता कर रही है पायल, तेरे भाई इधर ही है और तेरे पास पूरा टाइम है उनके लंड का मजा लेने का. और तू तो इन दोनों रांडों से भी बड़ी रांड है, अपने भाई के साले का लंड तू एकदम खडा कर देगी" राज ने कहा

" अब सिर्फ मैं आप दोनों को चोदूंगी इन दोनों रांडों का काम हो गया है ना... अब यह दोनों लंड मेरे" और पायल दोनों हाथ फैला कर दोनों मुरझाये लंड सहलाने लगी. पायल अभी भी स्कूल की ड्रेस में ही थी...सफ़ेद शर्ट और ग्रे स्कर्ट जो घुटनों के ऊपर तक थी और उसमे से उसकी मांसल जांघे झलक रही थी. पायल के बूब्स अभी इतने बड़े नहीं थे पर एकदम गदराये हुए थे. पायल का रंग बहुत गोरा है और निप्पल्स एकदम पिंक रंग के है. मनोज ने पायल को हम दोनों के बीच बैठा लिया और उसकी शर्ट के बटन खोलने लगा. सारे बटन खोलने के बाद शर्ट उतार दी. तब तक मैंने उसकी स्कर्ट खोल कर निचे कर उतार दी थी और पायल ने अपनी गांड ऊपर कर मुझे उसको निचे करने दिया. अब पायल ब्रा और पैंटी में थी. सफ़ेद रंग की ब्रा में उसके बूब्स गज़ब लग रहे थे और पैंटी भी गीली हो गयी थी. उसकी चुत अभी से ही पानी छोड़ने लगी थी.

"पायल तू तो अभी से ही गीली हो गयी. अभी तो मेरे भाई ने कुछ किया भी नहीं" मैं बोली",

"तुम्हारे भाई को तो देखते ही मैं गीली हो जाती हूँ, क्या करूँ इनका जादू ही कुछ ऐसा है"

मनोज ऊपर से ही पायल के बूब्स से खेलने लगा और अपना मुह दोनों बूब्स के बीच डाल पायल को चूमने लगा. पायल अब मनोज के लौडे को जोर जोर से हिला रही थी. उसका हाथ मनोज के लौडे को जकडे हुस ऊपर निचे हो रहा था. इतने में रजनी उठी और मेरी टाँगे खोल मेरी चुत चाटने लगी.

"भाभी बहुत टाइम हो गया तेरी चुत पर किसी का ध्यान ही नहीं गया. ला मैं तेरी चुत चाटू. तुझ कुतिया का भी तो ख्याल रखना है हम सबको और अभी तो तू जवान है, चाहे तो ३-४ लंड एक साथ चोद सकती है."

"आआह्ह्ह्ह्छ रजनी, मेरी चुत हमेशा ही प्यासी रहती है रानी. तेरे भैया इतना चोदते है फिर भी मन करता है लंड इसके अन्दर पड़ा ही रहे. कभी तो मन करता है घोडे जितना बड़ा लंड मेरी चुत और गांड में हो."

राज को अब मैंने निचे कारपेट पर लिटा दिया और उसका लौड़ा अपने मुह में ले लिया. रजनी उलटी होकर मेरी चुत चाटने लग गयी. पायल अभी भी मनोज के लंड को हाथ में लेकर ऊपर निचे हिला रही थी

मनोज अब उसकी ब्रा निकाल चूका था और उसके छोटे पर सख्त बूब्स हाथों में लेकर सहला रहा था.

"हाई पायल तेरे बूब्स का तो जवाब नहीं. और तेरे निप्पल्स क्या गुलाबी है. इनको तो देखते ही किसी भी आदमी का लौड़ा खडा हो जाये मेरी रानी. देख तेरे भाई के साले का लौड़ा कैसे फिर खडा हो गया मेरी रंडी के लिए. अब तझे ये लंड चोद चोद कर तेरी चुत फाड़ देगा और तेरा मुह पूरा इस लंड से भर दूंगा मेरी कुतिया रंडी."

'हाई राजा, क्या मस्त लौड़ा खडा किया है तुने मेरे लिए. पर पहले मेरे बूब्स दबा और चूस मेरे निप्पल्स. है मै मरी जा रही हूँ तेरे लौडे को अपनी चुत में लेने के लिए. मैं वैसे ही गरम हु और तू मुझे और गरम कर रहा है मादरचोद . जैसे अपनी माँ को चोदता है हरामी की औलाद वैसे ही चोदना मुझे. और भाई तू मेरी गांड में डालना जब तेरा सला मेरी चुत चोद रहा होगा. भाभी भाई का लंड खडा कर, मुझे इसको अपनी गांड में लेना है."

"रंडी तू चिंता मत कर, अगर एक और लंड होता तो वोह तेरे मुह में डलवा कर तेरे सारे छेद भर देती. तेरे भैया तो कब से तेरा इन्तेज़ार कर रहे है. आज अब तेरी दो लंडों के साथ मस्त चुदाई होगी. चल रजनी मेरी चुत छोड़ और अपनी चुत भाई के मुह पर रख दे. उनको चूसने दे अपनी प्यारी ननद की चुत. उनका लौड़ा और भी मस्त खडा होगा." मै बोली

रजनी ने मेरी चुत से अपना मुह निकाला और जाकर राज के मुह पर बैठ गई.

"भैया चुसो अपनी बहन की चुत. तुझे पसंद है न मेरी चुत का नमकीन स्वाद." और रजनी अपनी चुत राज के मुह पर रगड़ने लगी. राज भी अपनी जीभ निकाल कर उसकी चुत चोदने लगा. रजनी उछल उछल कर राज के मुह पर अपनी चुत चोद रही थी. उसके बूब्स उछल कर इधर उधर जा रहे थे. मेरे मुह में राज का लौड़ा अब पूरी तरह खडा था और किसी भी छेद को चोदने को तैयार था. उधर पायल भी अब पूरी नंगी हो चुकी थी और मनोज का लौड़ा अपने मुह में ले उसको चूस रही थी. मनोज उल्टा होकर उसकी गुलाबी चुत चाट रहा था और अपनी उँगलियाँ अन्दर बाहर कर रहा था. पायल गांड उछाल उछाल कर उसकी उँगलियाँ अन्दर ले रही थी.

"हाँ भाई पूरी ऊँगली डाल मेरी चुत में... चोद मुझे कुत्ते...चोद हरामी...अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ"

और पायल ने फिर मनोज का लौड़ा अपने मुह में ले लिया. थोडी देर तक चूसने के बाद पायल अब तैयार थी चुदाई के लिए. पायल ने मनोज का लौड़ा बाहर निकाला और बोली "चल अब शुरू कर मेरी चुदाई. डाल अपना मोटा लंड मेरी गरम गीली चुत में और फाड़ दे इसको. भाई, तू भी आ और चोद मेरे मुह को. देख तेरी रांड बहन कैसे चुस्ती है तेरा लंड साले हरामी मादरचोद. तुम रंडियां तब तक एक दुसरे की चुत चाटो"

राज उठा और अपना लौड़ा पायल के मुह पर ले गया जिसे उसने लपक कर अपने मुह में भर लिया. मनोज ने भी पायल की टाँगे खोली और उसकी गीली चुत मैं अपना लंड भर दिया. अब दोनों जोर जोर से धक्के मार रहे थे और पायल को कुतिया की तरह चोद रहे थे. ५ मिनट के ज़बरदस्त धक्को के बाद दोनों झड़ने लगे तो दोनों ने अपने लंड बाहर निकाले और पायल के मुह पर पिचकारी छोड़ने लगे. पायल का पूरा चेहरा भीग गया दोनों के वीर्य से जिसको वोह मजे लेकर चाट रही थी. पूरी तरह झड़ने के बाद उसने दोनों लौडे अपने मुह में एक साथ लिए और चाट चाट कर उनको साफ़ कर दिया. फिर अपने भाई के मुह में जीभ डाल उनको चूमा और अपने मुह में भरा दोनों का वीर्य राज के मुह में डाल दिया. राज चटकारे लेकर उसको पि गया.

"वह मजा आ गया जीजू तेरी बहनो और बीवी को चोद कर. साली मस्त रंडियां है. इनको तो तू नंगा ही रखा कर घर पर."

"यार यह रहती ही नंगी है. कई बार तो अकेले मुझे इन तीनो को चोदना मुश्किल हो जाता है. अगर एक दो लंड और होते तो मजा आ जाता. इन रांडो को तो जितने लंड देदो उतने कम है"

"हम रंडियों की जय हो.... मैं बोली और मनोज का लंड फिर चूम लिया..
दोस्तो ये कहानी यही ख़तम होती है फिर मिलेंगे एक और नई कहानी के साथ आपका दोस्त राज शर्मा
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